समस्तीपुर, सितम्बर 10 -- समस्तीपुर आज एक ऐसी गिरफ्त में जकड़ता जा रहा है, जिसकी जकड़न सबसे अधिक खतरनाक और विनाशकारी है यह गिरफ्त है सूखे नशे की। कभी शिक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाना जाने वाला यह शहर आज धुएं और सूखे नशे की धुंध में घिरता नजर आ रहा है। युवा पीढ़ी, जो कल का भविष्य है, आज नशे की गिरफ्त में अपने सपनों और उज्ज्वल जीवन को दांव पर लगाती दिख रही है। बोले समस्तीपुर अभियान के तहत शहर के लोगों ने इस विषय पर खुलकर बात की। छात्र कुमार गौरव और कौशल किशोर राय ने बताया कि स्मैक, सुलेशन, भांग, गांजा, कोडिन युक्त कफ सीरप, नशीली दवाएं और इंजेक्शन जैसी चीजें यहां की गलियों और मोहल्लों में आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनका चलन कम उम्र के नौजवानों के बीच तेजी से फैल रहा है। महज 100 से 200 रुपये...