सुल्तानपुर, अप्रैल 27 -- सुलतानपुर,संवाददाता। राणा प्रताप पीजी कॉलेज के बीएड विभाग में किशोरावस्था: समस्याएं और समाधान विषयक विचार विमर्श का आयोजन किया गया। असिस्टेंट प्रो. शांतिलता ने कहा कि मनुष्य में परिवर्तन की अवस्था का नाम किशोरावस्था है। किशोरावस्था में बहुत सारे बदलाव शरीर में होते है इस समय माता पिता को बालक के निकट रहकर उसे समझना और समझाना चाहिए। उचित अनुचित के साथ उसे भावनात्मक परामर्श देना चाहिए, और मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए। डॉ. संतोष अंश ने कहा कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है। यह वह चरण होता है जब बच्चे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से बदलावों का अनुभव करते हैं। यह अवस्था 13 से 19 साल के बीच होता है। किशोरों की समस्याओं का हल समझदारी, धैर्य और सही मार्ग दर्शन से किया जा सकता है। डॉ. सीमा सिंह ने कहा कि ब...