सुपौल, जुलाई 1 -- किशनगंज । एक प्रतिनिधि जब बीमारी जड़ों में छुपी हो, तो इलाज की जंग सिर्फ अस्पतालों से नहीं, गांव-गांव, घर-घर से लड़ी जाती है। कालाजार जैसे छुपे हुए रोग से लड़ने के लिए मंगलवार को दिघलबैंक में महत्त्वपूर्ण पहल हुईं। ग्रामीण चिकित्सकों का उन्मुखीकरण और समुदाय आधारित प्रशिक्षण।आयोजित हुआ। यह कसिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह उस जन-जागरण का संकेत था जिसमें हर नागरिक को बीमारी के खिलाफ एक सिपाही के रूप में खड़ा किया जा रहा है। अब लड़ाई सिर्फ डॉक्टरों की नहीं, समाज की है। दिघलबैंक में दिखा जमीनी स्वास्थ्य चेतना का नया स्वरूप: सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि दिघलबैंक प्रखंड में ग्रामीण चिकित्सकों के लिए एक विशेष उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य था गांवों में कार्यरत निजी चिकित्सकों...