समस्तीपुर, फरवरी 15 -- समस्तीपुर । वर्ष 2015 में समस्तीपुर में ई-रिक्शा चलने की शुरुआत हुई थी। आज शहर में इसकी संख्या करीब 7800 हो गई है। इन रिक्शा चालकों का दर्द है कि उन्हें सुविधा कुछ नहीं मिलती है लेकिन अवैध वसूली के रूप में हर चौराहे पर 20 रुपये देना पड़ता है। निगम ने न कोई स्टैंड बनाया है व न किराये का निर्धारण किया है। जाम लगने का दाग भी उन्हीं पर लगता है। ऊपर पुलिस का डंडा भी झेलना पड़ता है। ला मुख्यालय में वर्षों तक सामान्य रिक्शा का संचालन होता था। गरीब तबके के लोग मेहनत कर रिक्शा खींचकर चलाते थे और राहगीरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते थे। नई टेक्नालॉजी आने के बाद वर्ष 2015 से जिले में इलेक्ट्रिक रिक्शा यानि ई-रिक्शा चलना शुरू हुआ। धीरे-धीरे शहर में सैकड़ों ई-रिक्शा चलने लगे। 2019 आते-आते शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा की संख्या 500 तक थ...
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