आजमगढ़, अगस्त 3 -- लालगंज, हिन्दुस्तान संवाद। स्थानीय नगर पंचायत के एक मैरेज हाल में चल रहे पांच दिवसीय श्री शिव कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को भी काफी संख्या में श्रोता उमडे़। उन्होंने शिव कथा के प्रसंगों को सुनकर उसका रसपान किया। कथावाचक कौशल किशोर जी महाराज ने कथा करते हुए कहा कि किसी अन्य क्षेत्र में किया गया पाप, धर्म क्षेत्र में नष्ट हो जाता है। धर्म क्षेत्र में किया गया पाप तो बज्र लेख के समान होता है। कर्म प्रधान विश्व करि राखा... कर्म सबको करना पड़ता है। मनु और शतरूपा ने भगवान से उनके जैसा पुत्र का वरदान मांगा था। भगवान ने उनके बंश में अंशन सहित मनुष्य अवतारा का वरदान दिया था। फिर भी राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ करना पड़ा था। भगति सहित मुनि आहुति दीन्ही...। पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद ही राजा दशरथ को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी...