दरभंगा, अप्रैल 18 -- इंटरनेट और ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते प्रभाव ने हर व्यवसाय को प्रभावित किया है। पुस्तक विक्रेता भी इससे अछूते नहीं हैं। देशभर के साथ-साथ दरभंगा के भी पारंपरिक पुस्तक विक्रेता आज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों की सुविधा, छूट और व्यापक चयन ने ग्राहकों को दुकानों की ओर रुख करने से हतोत्साहित किया है। कभी साहित्य, प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी और अकादमिक पुस्तकों के लिए मशहूर दरभंगा का किताब बाजार आज सन्नाटे में तब्दील रहता है। शहर के पुस्तक विक्रेता राम कुमार, कैलाश, दिलीप कमती आदि कहते हैं कि जहां पहले छात्रों की भीड़ दुकानों पर लगी रहती थी, वहां आज कुछ ही ग्राहक आ पाते हैं। आज हम जब दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास स्थित स्टेशन रोड की गलियों से गुजरते हैं तो किताबों की सजी कतारें अब वैसी रौनक नहीं बिखेरतीं ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.