सीवान, अक्टूबर 9 -- सीवान। स्थान गोपालगंज मोड़। दिन बुधवार। समय 6 बजे शाम। चाय की चुस्कियों के बीच चर्चा के बीच श्यामसुंदर कहने लगे - का हो बड़का भईया, अबहीं ले त सीटे ना फरियाईल। ह का कहीं हो अबकी प्रशासन सब तैयारी कर लेलस आ इ दल वाला लोग पिछड़ गईल बाड़न- यह कहते हुए प्रमेन्द्र चाय उठाकर कहने लगे- देख नहीं रहे हो भाई। रोज- रोज का हवा बह रही है। कभी कहा ज रहा है पहलवान दल बदल लीहें, चल लोग पटना। तबतक आज हवा आ गईल कि ना सीटे उनका ला बदल दियाता। अब का जाने का होता। आठ गो सीट पर दूनों दल अभी जहुआ गईल बा। केहू के सीट ना क्लीयर भईल त का कहलल जाव। इसी पर वहां पहले से खड़े रामरखीचंद कहने लगे- आरे का अब इंतजार कईला के समय नईखे। आज से कल तक सब साफ होगा। जो - जो पहलवान है, पटना में डेरा डाले हैं। यहां जनता चुनाव के साथ -साथ अपने दीपावली की तैयारी म...
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