वाराणसी, दिसम्बर 28 -- वाराणसी/चेन्नई, मुख्य संवाददाता। काशी-तमिल संगमम 4.0 के अंतर्गत वाराणसी से तमिलनाडु गए विद्यार्थियों का एक दल इन दिनों चेन्नई में पारंपरिक मूर्तिकला के सूक्ष्म गुर सीख रहा है। सदियों पुरानी दक्षिण भारतीय शिल्प परंपरा से साक्षात्कार कर रहे ये छात्र न केवल कला की तकनीक समझ रहे हैं, बल्कि उसके पीछे छिपे दर्शन, अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों से भी परिचित हो रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को पत्थर और धातु पर आधारित मूर्तिकला की बारीकियां समझाई गईं। स्थानीय कारीगरों और शिल्पगुरुओं ने उन्हें आकृति निर्माण, संतुलन, अनुपात, औजारों के उपयोग और धैर्यपूर्ण कार्यशैली का व्यावहारिक ज्ञान दिया। छात्रों ने जाना कि तमिल मूर्तिकला केवल शिल्प नहीं, बल्कि भक्ति, सौंदर्यबोध और आध्यात्मिक चेतना का संगम है। इस अनुभव ने छात्रों क...