शाहजहांपुर, फरवरी 18 -- शाहजहांपुर में साहित्यिक संस्था प्रवाह की मासिक गोष्ठी सुशील दीक्षित विचित्र के निवास स्थान दिलावरगंज में हुई, जिसका शुभारंभ गीतकार कमल मानव द्वारा किया गया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए चंद्रशेखर दीक्षित ने की। कमल मानव ने मुक्तकों और गीतों के माध्यम से वाहवाही लूटी, उन्होंने सुनाया- सुधा की धार में विष धार को किसने मिलाया है। हंसा कर मार डाला और फिर कितना है। हमारे गांव में पल्लवित था जो प्रेम का पादप,उसे इस वासना के शहर में ले कौन आया है। सुशील दीक्षित विचित्र ने वीर रस की कविताओं के अलावा गीत भी सुनाए। नवगीतकार डॉ प्रशांत अग्निहोत्री ने विसंगतियों का शब्दचित्र खींचा। ओज के कवि चंद्रमोहन पाठक की पंक्तियां बहुत पसंद की गईं। धर्म प्रकाश धर्मा ने लोकगीत सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर का दिया। नवोदित कवि राम सि...