नई दिल्ली, अप्रैल 22 -- वैसे तो यह अपने आप में बहुत बड़ा विषय है। इतना बड़ा कि तीनों पर एक-एक किताब लिखी जा सकती है। लिखी जा क्या सकती है, इस समय बाजार में इन तीन विषयों पर दर्जनों किताबें उपलब्ध हैं। इस लेख में हम इन तीनों विषयों को जोड़ते हुए एक लेख में समेटने की कोशिश करेंगे। कालपुरुष कुंडली एक ऐसी कुंडली है, जो ज्योतिष में एक मानक या आधार कुंडली के रूप में इस्तेमाल होती है। यानी, प्रथम भाव में पहली राशि दूसरे भाव में दूसरी और इसी तरह बारहवें भाव में बारहवीं राशि लिखकर हम कालपुरुष की कुंडली बना सकते हैं। प्रश्न यह आता है कि इसका प्रयोग किस तरह से किया जाए तो इसे समझने का बेहद सरल सा तरीका है। आप ग्रह की उच्च, नीच और स्वग्रही राशियां ज्ञात किए षडाष्टक (6-8 का संबंध) योग को समझिए और सूत्र प्रयोग में लाइए। उदाहरण के तौर छह, आठ, बारहवें भा...
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