बेगुसराय, सितम्बर 28 -- मंझौल, एक संवाददाता। सनातन धर्म में वर्णित भगवान के अवतारों का महत्व कालजयी है। भगवान की लीलाएं देश,काल एवं वातावरण की सीमाओं से भी परे है। यही कारण है कि हमें भगवान की लीलाओं को विवेचन केवल भारतीय संदर्भ ही नहीं अपितु वैश्विक परिप्रेक्ष्य में करना चाहिए। क्योंकि भगवान का अवतार बस केवल मानव कल्याण के निमित्त हुआ है। मंझौल में नौदिवसीय श्रीमद्भागवत कथाक्रम में रविवार को व्यास पीठ से परम पूज्य प्रेमाचार्य पीताम्बर जी महाराज ने भगवान की विभिन्न लीलाओं विशेषकर भगवान वामन के चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान वामन विष्णु के अवतार हैं। त्रेतायुग के प्रारम्भ होने में भगवान विष्णु ने बक्सर में मां गंगा के तट पर सिद्धाश्रम स्थल पर वामन रूप में देवी अदिति के गर्भ से उत्पन्न हुए। इसीलिए इस स्थान को वामन...
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