लखनऊ, मई 27 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का टेंडर अब तक न निकलने की वजह से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरुवार से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार टाल दिया है। संघर्ष समिति ने फैसला लिया है कि गुरुवार से पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन का पूर्ण रूप से असहयोग होगा। साथ ही संगठन कॉरपोरेशन को चेतावनी दी है कि अगर निजीकरण का नोटिस निकलता है तो प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी बिना कोई नोटिस दिए उसी समय सीधी कार्रवाई के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन की होगी। नेशनल कोऑडिर्नेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स ने निजीकरण के विरोध में 29 मई को देश के सभी जिला और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। संघर्ष समिति ने भी विरोध प्रदर्शन में तेजी लाने का फैसला किया है। संघर्ष...