नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में शिकायत अधिकतम छह महीने में दर्ज करना अनिवार्य है। जस्टिस पंकज मिथल और प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय (कोलकाता) के कुलपति द्वारा ऐसी घटनाओं के खिलाफ एक महिला संकाय सदस्य की याचिका को समय सीमा समाप्त होने के कारण खारिज करने के फैसले को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की। बेंच ने शिकायतकर्ता की याचिका पर अपने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमारा मानना है कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एलसीसी (स्थानीय शिकायत समिति) के उस फैसले को बहाल करने में कोई कानूनी त्रुटि नहीं की है जिसमें अपीलकर्ता की शिकायत समय सीमा पार कर चुकी है और खारिज किए जाने योग्य है। जस्टिस मिथल ने फैसले में लिखा कि गलती करने वाले को माफ...