लखनऊ, नवम्बर 12 -- लखनऊ, संवाददाता। बीबीएयू में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की ओर से पंचकोश एवं जीवन प्रबंधन विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। उन्होंने आत्मज्ञान और पंचकोश की अवधारणा को समग्र विकास के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्तर पर बल्कि आध्यात्मिक और बौद्धिक स्तर पर भी संतुलन स्थापित करती है। इससे मन में सकारात्मकता का विस्तार होता, जीवन में स्थिरता आती है। मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में अनुशासन रखता है, वही वास्तव में संयमित जीवन जी सकता है और नैतिकता के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। इस मौके पर आईक्यूएसी निदेशक प्रो. शिल्पी वर्मा, डॉ. नरेन्द्र सिं...