धनबाद, मार्च 16 -- धनबाद। मुकेश सिंह वर्तमान दौर में कोयला उत्पादन के साथ साथ उसके पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है। कोयला क्षेत्र में धीरे-धीरे उत्पादन आऊटसोर्सिंग कंपनियों के हवाले हो गया है। कोल इंडिया की कई अनुषंगी कंपनियां 70-80 % तक कोयला उत्पादन आऊटसोर्सिंग के भरोसे है। ऐसे में कार्बन सिंक क्षमता आदि को लेकर आऊटसोर्सिंग कंपनियों को भी जिम्मेदार और अनुशासित होना होगा। कोयला खनन से पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए सिर्फ वृक्षारोपण ही नहीं, खनन क्षेत्र में अनुशासित खनन मसलन ब्लास्ट फ्री माइनिंग,जल प्रबंधन, डस्ट कंट्रोल आदि भी जरूरी है। आमतौर पर आऊटसोर्सिंग कंपनियां इन पर ध्यान नहीं देती हैं। धनबाद कोयला क्षेत्र में आऊटसोर्सिंग कंपनियों की मनमानी आम है। अभी हाल में विधान सभा में भी मुद्दा उइा था। इसी सप्ताह कार्...
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