नई दिल्ली, अगस्त 2 -- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिजली उत्पादन से उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन के मुद्दे पर विचार-विमर्श करने, योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए सभी हितधारकों को एक मंच पर आना चाहिए। न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर की पीठ ने विद्युत मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के संबंध में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग के साथ एक संयुक्त बैठक बुलाए। पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है कि नीति निर्माता जमीनी हकीकत और नियामक एवं कार्यान्वयन तंत्र की कठिनाइयों से अवगत हों। अदालत ने यह आदेश राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश से उत्पन्न याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
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