मुजफ्फर नगर, मई 7 -- मुजफ्फरनगर। वर्ष 1999 हुए कारगिल युद्ध को आपरेशन विजय का नाम दिया गया था। कारगिल शहीदों के शौर्य और पराक्रम पर जनमानस को आज भी नाज है। दो दशक पहले शुकतीर्थ में बना कारगिल शहीद स्मारक युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने का काम करता है। इस लड़ाई में जिले के पांच जवानों ने भारत माता की रक्षा करते हुए वीरगति पाई थी। इनमें पचेंडा कलां के लांस नायक बचन सिंह, इटावा के नरेंद्र राठी, बेलड़ा के अमरेश पाल, विज्ञाना के रिजवान और फुलत गांव के सतीश कुमार की शहादत पर जिले को नाज है। जिला सैनिक एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल राजीव चौहान ने बताया कि पचेंडा कलां निवासी लांसनायक बचन सिंह ने 12 जून 1999 को कारगिल लड़ाई में बेटले ऑफ तोलोलिंग चोटी पर देश के लिए प्राणों की आहुति दी थी। शहीद की पत्नी कामेश बाला ने बेटे हितेश को कैप्टन बनाकर कारगिल में शह...