शामली, जुलाई 26 -- वर्ष 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में शामली के वीर सैनिकों ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। कारगिल विजय दिवस के मौके पर जिले के उन वीर सपूतों को याद किया जा रहा है, जिन्होंने देश की सरहदों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी। शहर के गांव लिलौन निवासी तेजपाल सिंह उस युद्ध के दौरान सेना में सेवा दे रहे थे। हवलदार पद से सेवानिवृत्त हो चुके तेजपाल सिंह ने बताया कि कारगिल युद्ध के समय उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में थी। युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना ने अचानक भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। तेजपाल सिंह उस समय लगभग 200 सैनिकों के दल के साथ मोर्चे पर डटे हुए थे। उन्होंने बताया कि हमले में मुजफ्फरनगर के दो साथी शहीद हो गए थे। उस समय शामली औ...