सुपौल, नवम्बर 28 -- बलुआ बाजार, एक संवाददाता बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र के संस्कृत निर्मली पंचायत के परवाहा वार्ड नंबर 7 में सुपौल जिला संतमत सत्संग के पहले दिन गुरुवार को संतो के अमृतवाणी को सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी । सत्संग में महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज के शिष्य वेदानंद जी महाराज के अलावे कई साधु-संतों का पदार्पण हुआ। मंचासीन संतों ने अपनी अमृत वाणी से सत्संग से होने वाली लाभ के बारे जानकारी से श्रोताओं को अवगत कराया। मंचासीन वेदानंद जी महाराज ने कहा कि परमात्मा ने सृष्टि के लिए अनेक जीव जंतुओं का निर्माण किया है। मनुष्य चौरासी लाख योनि के बाद एक बार मनुष्य तन में अवतरित होता है। आवागमन मनुष्य के दुख का सबसे बड़ा कारण है। परमात्मा ने जो यह मनुष्य रूपी शरण दिया है, इसका सही उपयोग करना चाहिए। काम, क्रोध, लोभ, मोह और पाप इन प...