बिजनौर, अक्टूबर 3 -- समय पर पैसा न मिलने पर मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की संख्या में भारी गिरावट आ गई है। मजदूरों ने भी मनरेगा में काम से दूरी बनाई है। हालात ये हैं कि पर्याप्त मजदूर न मिलने के कारण मनरेगा में तालाब, चकरोड और समतलीकरण का काम प्रभावित हो गया। मनरेगा में करीब 40 हजार मजूदर काम करने चाहिए, लेकिन वर्तमान में सिर्फ चार हजार मजदूर ही काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं बजट के अभाव में मजदूर इधर उधर काम करने को मजबूर हैं। जुलाई, अगस्त और सितम्बर में पैसा न मिलने के कारण मनरेगा मजदूरों ने काम से दूरी बनाई। जिसका परिणाम यह हुआ कि मनरेगा में तालाब, चकरोड और समतलीकरण के काम बंद हो गए। मनरेगा में मात्र 4 हजार मजदूर ही इस समय मेढबंदी, चकरोड और कच्चे नालों का काम कर रहे हैं जबकि यह काम करने वालों की संख्या 40 हजार से अधिक होनी चाहिए थी।...
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