नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। दक्षिण भारत की तुलना में हिन्दी पट्टी, खासकर बिहार में कामकाजी महिलाओं को अपने पति से सबसे अधिक सहयोग मिलता है। कामकाजी महिलाओं को माता-पिता के साथ-साथ सास-ससुर का भी भरपूर सहयोग मिलता है। जबकि दक्षिण के राज्य तेलंगाना में कामकाजी महिलाओं को न तो पति का भरपूर सहायोग मिलता है और न माता-पिता और ससुराल वालों का। इतना ही नहीं, दक्षिण के राज्य में महिलाओं की कमाई परिवार के लोग अपने पाव रख लेते हैं, जबकि हिंदी पट्टी के राज्य में में ऐसा देखने को नहीं मिला है। इसका खुलासा, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण के राज्य तेलंगाना में कामकाजी महिलाओं की स्थिति का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान यानी बिट्स पिलानी के संयुक्त अध्ययन में हुआ है। एनएचआ...
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