नई दिल्ली, जून 23 -- नई दिल्ली। भारत में महिलाएं अब पहले से अधिक संख्या में कामकाज के क्षेत्र में कदम रख रही हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि इनकी आमदनी में कोई ठोस बढ़ोतरी नहीं हो रही है। आंकड़े दिखाते हैं कि कामकाजी महिलाओं की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन वेतन और रोजगार की गुणवत्ता में गिरावट आई है। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025 में भारत को लैंगिक असमानता के मामले में 148 देशों में से 131वें स्थान पर रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पुरुषों और महिलाओं की श्रम भागीदारी दर में 41.3 प्रतिशत अंकों का अंतर है। हालांकि, सरकार के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक दशक में महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ी है। -- काम ज्यादा, पैसा कम 2023-24 में भारत में कामकाजी महिलाओं का 66 फीसदी हिस्सा स्वरोजगार से...