लखनऊ, सितम्बर 17 -- उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर के आत्मविश्वास से लबालब एक नौजवान की चिट्ठी ने 1999 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से सिविल सर्विसेज परीक्षा का घोषित फाइनल रिजल्ट ही बदलवा दिया था। यूपीएससी के इतिहास में उससे पहले और उसके बाद ऐसा फिर कभी नहीं हुआ है। किसी और कैंडिडेट का नंबर उनके नाम पर डालने से कानपुर के आशुतोष अग्निहोत्री का रैंक 277 आया था, जो यूपीएससी द्वारा गलती सुधारने के बाद 26वें रैंक में बदला। आशुतोष असम-मेघालय काडर के आईएएस अफसर बने। आशुतोष अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के चेयरमैन हैं। आशुतोष अग्निहोत्री ने एक इंटरव्यू में विस्तार से बताया है कि कैसे उनकी किस्मत रिजल्ट आने के बाद भी पलटी और वो इंडियन डिफेंस अकाउंस सर्विस पाते-पाते भारत...