फतेहपुर, दिसम्बर 27 -- फतेहपुर। साल 2015 में दो करोड़ की लागत से बना ट्रामा सेंटर साल 2025 में भी गंभीर मरीजों के लिए पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो सका। विशेषज्ञ डॉक्टरों और आवश्यक संसाधनों के अभाव में यहां पहुंचे गंभीर घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर रेफर किया जाता रहा। इलाज की उम्मीद में कानपुर की दूरी नापते-नापते कई मरीज रास्ते में ही मौत के मुंह में समा गए। सड़क हादसों, सिर में गंभीर चोट, पेट और सीने की गहरी चोट के मामलों में ट्रामा सेंटर में समुचित इलाज नहीं मिल सका। परिजनों के अनुसार समय पर उन्नत इलाज न मिलने से मरीजों की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। साल भर ट्रामा सेंटर की यही तस्वीर बनी रही कि गंभीर मरीजों को बाहर भेजना मजबूरी रहा। आंकड़े बताते हैं कि हर महीने औसतन 150 मरीज ट्रामा सेंटर से रेफर किए गए। इससे न केवल मरीजों की जा...
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