मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 12 -- कांटी, हिन्दुस्तान संवाददाता। कुशी बुद्ध पोखर समेत क्षेत्र के कई प्रसिद्ध पोखर बदहाल हैं। छठ महापर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है, लेकिन पोखर की सफाई शुरू नहीं हुई है। आसपास के सैकड़ों परिवार इस पोखर पर छठ पूजा करते हैं। वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रभूषण सिंह चंद्र, राकेश ठाकुर, सुजीत ठाकुर, नंदकिशोर ठाकुर आदि ने कहा कि उपेक्षा और अनदेखी के कारण यह ऐतिहासिक धरोहर दम तोड़ रही है। इस पोखर से महज 500 मीटर दूर में पुरातात्विक महत्व का वह भिंड है, जहां भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण होने का दावा किया जाता रहा है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत इस पोखर के सौंदर्यीकरण के लिए 2022 में एक करोड़ 29 लाख रुपए की योजना स्वीकृत हुई थी, लेकिन धरातल पर नहीं उतर पाया।

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