गौरीगंज, अक्टूबर 4 -- शुकुल बाजार, संवाददाता। राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की जमीनी हकीकत सरकारी दावों के विपरीत नजर आ रही है। लाखों रुपये की लागत से बनाए गए एकीकृत कचरा प्रबंधन केंद्रों की हालत बदतर है। ब्लॉक की 54 ग्राम पंचायतों में स्थापित एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। कई केंद्र या तो अधूरे हैं या निर्माण की शुरुआत के बाद ही जर्जर हो गए हैं। इन केन्द्रों पर आज तक कचरा नहीं लाया गया है। कचरा ढुलाई वाहन पर कोई चालक भी नियुक्त नहीं हुआ। जिससे सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब कागजों तक सिमटती दिख रही है। हिन्दुस्तान ने शनिवार को कचरा प्रबंधन केंद्रों की पड़ताल की तो इनकी बदहाली सामने आ गई। एडीओ पंचायत अशोक कुमार ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद पंचायतें कूड़ा प्रबंधन में रुचि नहीं दिखा रही हैं। जल्द ही निरीक्षण कर लाप...