आगरा, नवम्बर 30 -- नागरी प्रचारिणी सभागार में रविवार को कवि अखिलेश श्रोत्रिय को श्रद्धांजलि दी गई। अनिल शुक्ल ने कहा कि उनका निधन आगरा के सांस्कृतिक जगत की अपूरणीय क्षति है। रामेंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि उनका रचना संसार विस्तृत था और गद्य-काव्य दोनों में वे समान रूप से सिद्ध थे। रमेश पंडित ने 1968 से जुड़े अपने संबंधों को याद किया। प्रो. शशिकांत पाण्डे ने बताया कि वे अस्वस्थ होने के बावजूद 'दो कदम गांधी के साथ' यात्रा में शामिल होना चाहते थे। कार्यक्रम में कई साहित्यकार उपस्थित रहे। प्रो. खुशीराम शर्मा, डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, डॉ. मधुरिमा शर्मा, डॉ. कमलेश नागर, शक्तिप्रकाश सिंह, प्रदीप शर्मा, राम टण्डन, शलभ भारती, रामभरत उपाध्याय, डॉ वेदप्रकाश त्रिपाठी, डॉ सत्येश पाठक आदि उपस्थित रहे।
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