औरैया, नवम्बर 5 -- जनता महाविद्यालय का परिसर काव्य रसधारा में सराबोर रहा। मां सरस्वती की पूजा-अर्चना व दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में ओज, श्रृंगार, दर्शन और व्यंग्य की अद्भुत झंकार गूंजी। कार्यक्रम में प्रदेश भर से आए कवियों ने अपनी प्रभावशाली रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ आगरा की सुप्रसिद्ध कवयित्री योगिता चौहान ने सरस्वती वंदना वीणा धारी जय मात शारदे से किया। उनकी सुरिलीय वाणी ने सभा को भक्ति और साहित्यिक पवित्रता से भर दिया। इसके बाद कवयित्री रचना त्रिपाठी ने समाजिक विडंबनाओं पर तीखा प्रहार करते हुए कहा जातियों का ज़हर बो दिया, भाई ने भाई को खो दिया। उनकी कविता ने सभागार में चिंतन का वातावरण बना दिया। डॉ. राजीव राज ने अपनी दार्शनिक पंक्तियों सिर्फ इक फूल के मानिन्द ज़िंदगानी ह...