मुरादाबाद, मार्च 5 -- होलाष्टक शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं। यह होली से आठ दिन पहले शुरू हो जाते हैं। इन दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। मगर यह समय दान, पूजा और जप के लिए शुभ माना गया है। यह जानकारी बुधवार को लाइनपार स्थित श्री हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि इन दिनों में विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जप करना करना चाहिए। इस दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ कार्य होलाष्टक अष्टमी से पूर्णिमा तक होते हैं। इस दौरान हर दिन एक ग्रह उग्र रहता है। इसकी उग्रता से शुभ कार्य पर बुरा असर पड़ता है। अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्...