एटा, अक्टूबर 30 -- चार माह के लंबे इंतजार के बाद वह शुभ घड़ी नजदीक आ रही है, जब मांगलिक कार्यों पर लगा विराम समाप्त हो जाएगा। एक नवंबर यानी शनिवार को देवोत्थान एकादशी (देवउठनी एकादशी) के पूजन के साथ ही जिले में एक बार फिर शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी। इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार माह की योग निद्रा से जागेंगे और इसके साथ ही विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ कार्य विधिवत रूप से शुरू हो जाएंगे। देवोत्थान एकादशी का दिन अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है। यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। यही कारण है कि जिले में इस दिन सैकड़ों शादियां आयोजित होने जा रही हैं, जिले के हर कोने में शादी समारोह आयोजकों ने अपनी तैयारियां अंतिम रूप दे दी हैं। मांगलिक कार्यों की धूम को देखते हुए शहर के बैंड बाजे, बैंकट ह...