अररिया, मई 16 -- मिट गया आशियाना, खुला आसमान बना महादलितों का ठिकाना प्रशासन के बुलडोजर से महादलित परिवारों की टूटी उम्मीदें फारबिसगंज, निज संवाददाता। जहां कल तक बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, चूल्हे जलते थे, और जिंदगियां बसी थीं-आज वहां सिर्फ मलबा है, वीरानी है और सन्नाटा पसरा हुआ है। फारबिसगंज के काली मेला ग्राउंड में गुरुवार को प्रशासन की ओर से चले अतिक्रमण हटाओ अभियान ने 44 महादलित परिवारों के सैकड़ों घरों को मिट्टी में मिला दिया। महज कुछ घंटों में उजड़ गई बस्ती। लोग अभी भी सदमे में हैं। जिनके सिर पर कल तक छत थी, आज वे खुले आसमान के नीचे अपने छोटे-छोटे बच्चों को सीने से लगाए बैठने को मजबूर हैं। बतौर एसडीओ शैलजा पांडे अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया विगत 6 महीनों से चल रही थी और 33 परिवारों को वैकल्पिक ज़मीन भी उपलब्ध कराई गई है। शेष 11 पर...