शाहजहांपुर, मार्च 19 -- नाम देवेंद्र था। फौजी टाइटल उसे कल्लू डकैत ने दिया। रहीम सहीम पर्सानिटी, बालों का स्टाइल फौजियों की तरह, चाल-ढाल से ही देवेंद्र धाकड़ था। कल्लू की टीम का सबसे युवा सदस्य था। गोली चलाने में देर नहीं करता था। देवेंद्र को बंदूक उसके मामा ने ही थमाई थी। कल्लू से पहला परिचय भी नज्जू ने ही कराया था। कल्लू खुद की हाइट तो बहुत कम थी, लेकिन जब उसने देवेंद्र की कदकाठी देखी तो वह बहुत ही अधिक प्रभावित हुआ। धीरे धीरे देवेंद्र कल्लू का राइट हैंड बन गया। इसके बाद उसकी क्रूरता की तमाम कहानियां आज भी कटरी में फर्रुखाबाद, मैनपुरी तक फैली हुई हैं। यह वही देवेंद्र है, जिसने तीन पुलिस वालों और एक ग्रामीण की बेरहमी से हत्या की थी, जिसमें फर्रुखाबाद की कोर्ट ने उसे पिछले साल ही फांसी की सजा सुनाई थी। वर्ष 2005 से पहले तक कबरेली, बदायूं,...