गोरखपुर, जुलाई 17 -- झुमिला बाजार। हिन्दुस्तान संवाद कल्याण एवं सुख के मूल स्रोत भगवान् शिव है।मंगलस्वरूप और मंगलमयता की सीमा भगवान् शिव है। जो सम्पूर्ण विद्याओं के ईश्वर, समस्त भूतों के अधीश्वर, ब्रह्म-वेद के अधिपति, ब्रह्म-बल-वीर्य के प्रतिपालक तथा साक्षात् ब्रह्मा एवं परमात्मा हैं, सच्चिदानन्दमय भक्तों को नित्य कल्याण करने वाले शिव हैं। ये बातें गोला विकास खंड के देवकली (कुड़वाआम) स्थित पृथ्वी नाथ शिव मंदिर परिसर में चल रहे शिव महापुराण कथा में मंगलवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए अयोध्या धाम से पधारे प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य विनोद महाराज ने कही। आगे उन्होंने कहा कि शिव जी महाराज ऐसे औढरदानी हैं, जो थोड़ी-सी सेवा से ही पिघल जाते हाथ जोड़े हुए, खड़ा नहीं देख सकते, उनकी कामना तुरन्त पूरी कर देते हैं । शंकर की सेव...