पीलीभीत, मई 19 -- कलीनगर। कलीनगर को तहसील का दर्जा मिल चुका है पर यहां हैरत की बात है कि यहां के लोगों को जमीनों की रजिस्ट्री और किसी भी चल अचल संपत्ति की लिखा पढ़त के लिए पूरनपुर की दौड़ लगानी पड़ती है। तहसील बनने के बाद यहां के लोगों को जरूरत है कि यहां रजिस्ट्री दफ्तर का लाभ मिले। बाकी संसाधन जब विकसित होंगे तब होते रहेंगे। पर अभी हाल फिलहाल इसकी सख्त जरूरत पड़ रही है। हिन्दुस्तान संवाद में क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि तहसील होने के चलते यहां संसाधनों को तो धीरे धीरे विकसित किया जा रहा है। पर अब तक यहां अन्य जरूरी संसाधनों पर गौर नहीं किया गया है। आलम यह है कि किसी भी चल अचल सपंत्ति की खरीद या बिक्री यहां के लोगों को करना हो तो इसके लिए पूरनपुर तक की दौड़ लगानी पड़ती है। इससे दिक्कतें होती हैं। पैसा तो खराब होता ही है साथ ही आने जाने में ...