लखनऊ, मई 9 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता किसी व्यक्ति द्वारा बनायी गई कोई भी वस्तु, जिसमें सौंदर्य झलकता है। वह कला है। कला इंसान की बनी हुई वह कृति है। जिसमें सौंदर्य बोध के साथ ही अभिव्यक्ति भी हो। यह बातें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ. राकेश तिवारी ने शुक्रवार को राज्य संग्रहालय में आयोजित पांच दिवसीय व्याख्यान में कहीं। उन्होंने कला को अतीत के मूल से जोड़ने के लिये प्रोत्साहित किया। चित्रकला, औजार, गहने, केश-सज्जा, मूर्तिकला, वास्तुकला आदि कला के विभिन आयामों पर बात रखी। राज्य संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एण्ड कॉलेजेस एवं फ्लोरेसेन्स आर्ट गैलरी की ओर से कला के विभिन्न आयामों पर आधारित पांच दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन छह मई से किया जा रहा है। राज्य संग्रहालय की निदेशक की डॉ. सृष्टि ...