वाराणसी, अप्रैल 12 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। चार सौ वर्ष से भी अधिक पहले प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान ने प्रभु के दूसरे समर्पित भक्त गोस्वामी तुलसीदास को दर्शन दिए थे। जिस स्थान पर संत तुलसीदास को हनुमान जी के दर्शन हुए, वहीं उन्होंने भक्तशिरोमणि का विग्रह प्रतिष्ठित किया। उसी स्थान से श्रीराम चरित मानस का लेखन कार्य आरंभ किया। कालांतर में वही स्थान संकट मोचन मंदिर के नाम से विख्यात हुआ। उसी संकट मोचन मंदिर में होने वाले संगीत समारोह के 102वें संस्करण में सजाई जाने वाली कला दीर्घा में कलाकृतियों के माध्यम से उसी प्रसंग को प्रस्तुत किया जाएगा। इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है। देश के प्रतिष्ठित चित्रकारों में शुमार रखने वाले अनिल शर्मा एवं आयोध्या के राम मंदिर में प्रतिष्ठि श्रीराम के बाल स्वरूप विग्रह की ड्रॉइंग तैयार करने वाले डॉ...