लखनऊ, मई 29 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता रासरंग संस्था ने बुधवार को लोकनाट्य नौटंकी तुम सम पुरुष न मो सम नारी, का मंचन किया गया। स्वर्गीय उर्मिल कुमार थपलियाल की लिखी नौटंकी को बृजेश कुमार चौबे की परिकल्पना में सरिता यादव के निर्देशन में संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में मंचित किया गया। प्रस्तुति में जय सुखदाय शारदा, जा पर जाको सत्य सनेहु और खेत जमीन लटुअन सब बिकिगै आदि जैसे कई लोकगीतों को भी पेश किया गया। कहानी में रंगा और छंगा ने सूत्रधार बनकर कहानी को दर्शकों के समक्ष पेश किया। कहानी का मुख्य पात्र बलई आलसी और बेहद कामचोर इंसान है। इसी में रामकली बलई की बातों में फंस जाती है। कहानी में बलई का नकली मरना और फिर श्मशान में चोरों के धन के बटवारे जैसे प्रसंगों ने दर्शकों को खूब हंसाया। मंच पर वीरेन्द्र पाण्डेय, बृजेश चौबे, अनामिका रावत और ...