चंदौली, अप्रैल 26 -- टांडाकला, हिन्दुस्तान संवाद मारूफपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने राजा परीक्षित शुकदेव संवाद के प्रसंग को सुनाया। ईश्वर के 24 अवतारों का वर्णन सुन श्रोता भाव-विभोर हो गये। कथा वाचक आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने राजा परीक्षित संवाद, शुकदेव जन्म सहित अन्य प्रसंग सुनाया। कहा कि कलयुग के प्रभाव ने राजा परीक्षित को भी धर्म से दूर किया। कथावाचक ने शुकदेव परीक्षित संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार परीक्षित महाराज वन में चले गए। उनको प्यास लगी तो समीक ऋषि से पानी मांगा। ऋषि समाधि में थे, इसलिए पानी नहीं पिला सके। परीक्षित ने सोचा कि साधु ने अपमान किया है। उन्होंने मरा हुआ सांप उठाया और समीक ऋषि के गले में डाल दिया। यह सूचना पास में खेल रहे बच्चों ने समीक ऋषि के पु...