अलीगढ़, अक्टूबर 8 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। राशन माफियाओं का नेटवर्क तोड़ने में प्रशासन कमजोर साबित हो रहा है। आलम यह है कि घोषित राशन माफिया एक बार फिर से जिलेभर में अपने काले धंधे में सक्रिय हो गए हैं। प्रशासन की ओर से मुकदमे तो दर्ज हैं लेकिन माफियाओं की गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं लग सका है। सूत्रों के अनुसार हर माह सैकड़ों कुंतल गेहूं-चावल दिल्ली-नोएडा भेज रहा है। जिले में करीब साढ़े छह लाख राशन कार्डधारक हैं। इसमें अंत्योदय और गृहस्थी कार्डधारकों को दो-दो किलो प्रति यूनिट चावल दिया जाता है। इसमें बड़ी मात्रा में चावल माफियाओं के पास पहुंच जाता है। राशन माफिया गोदाम खोल कर बैठे हुए हैं और जमकर कालाबाजारी की जा रही है। सड़कों पर दिन रात राशन माफियाओं के गुर्गे ठेले वाले बनकर घर-घर से चावल इकट्ठा करते हैं और गोदामों तक पहुंचाते हैं...