पीलीभीत, अगस्त 28 -- बिलसंडा। वृंदावन से पधारे कथावाचक विमल कृष्ण शास्त्री ने कहा, कर्मों की गति बहुत विचित्र है। जो जैसा कर्म करता है वैसा फल भोगता है। बोले, सिंर्फ इंसान ही नहीं सूर्य, चंद्रमा, देवतागण ब्रह्म, विष्णु, महेश अपना अपना कर्म करते हैं। कर्म प्रधान हैं। इसको न भूलें। जो कर्म नहीं करेगा, उसको जग नकारा कहेगा। उसके जीवन में नाना प्रकार की कठिनाइयां आएंगी। आना जाना सृष्टि का कटु सत्य है, जो आया उसे जाना है। लेकिन अपने कर्मों से हम जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं। कथावाचक बोले, कर्म के साथ हमें भगवान की स्तुति जरूर करनी चाहिए। जो लोग भगवान की स्तुति करते हैं उनपर उनकी विशेष कृपा होती है। कहा, गौरी पुत्र गणेश भगवान बहुत जल्द अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं। कथावाचक नगर के देवीस्थान मंदिर में गणेश महोत्सव कार्यक्रम में प्रवचन कर रहे...
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