हरिद्वार, जुलाई 18 -- पर्वतीय कर्मचारी-शिक्षक संगठन की ओर से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहन सिंह रावत से मिलकर कार्मिक एवं सतर्कता के पत्र में उल्लिखित आचरण नियमावली 2002 के नियम-22 पर कड़ा ऐतराज जताया गया। संगठन ने कहा कि शासन के पत्र में उल्लेख है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी, एक माह के वेतन अथवा 5000 से अधिक मूल्य की चल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय की स्थिति में तत्काल रिपोर्ट करेगा। जिलाध्यक्ष ललित मोहन जोशी ने इस प्रावधान को अव्यावहारिक बताया और कहा कि वर्तमान सातवें वेतनमान तथा महंगाई दर को देखते हुए 5000 की सीमा तर्क संगत नहीं है। आज के समय में मोबाइल, घरेलू उपकरण, वाहन के पुर्जे जैसे सामान्य उपयोग की वस्तुओं की कीमत भी इससे अधिक होती है।

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