नई दिल्ली, फरवरी 21 -- उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने वित्त वर्ष 2017-18 और वर्ष 2021-22 के बीच 607 करोड़ रुपये सरकार की इजाजत के बिना खर्च कर डाले। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में इसको लेकर सवाल उठाए गए हैं। बजट सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को विधानसभा के पटल पर कैग रिपोर्ट पेश की गई। यह रिपोर्ट 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए तैयार की गई। कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि कर्मकार बोर्ड ने सरकार की इजाजत के बिना बड़ी धनराशि खर्च की और विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त उपकर का आकलन करने के लिए कोई तंत्र विकसित नहीं किया।डीडीओ के बैंक खातों में 788 करोड़ ट्रांसफर कैग की रिपोर्ट में सरकार के वित्तीय लेखे की भी समीक्षा की गई। सरकारी विभागों के बजट खर्च करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाने के साथ ...