लखनऊ, जुलाई 23 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता शहीदाने कर्बला की याद में शहर में कई जगहों पर मजलिसें हुईं। दरगाह हजरत अब्बास रुस्तम नगर में मौलाना कल्बे अहमद नकवी ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि हजरत रसूले खुदा ने कहा है कि मेरे हुसैन की मिसाल जनाबे नूह के सफीने जैसी है, जो इसमें सवार हो गया उसको निजात मिल गयी और जो इसमें नहीं आया वह हलाक हो गया। मजलिस के बाद अंजुमनों ने नौहाख्वानी की इसके साथ ही दरगाह परिसर में ताबूत, हजरत अली असगर का झूला और जुलजनाह की जियारत करायी गयी। मजलिसों का आयोजन इदारे नासिराने अब्बास ने किया था। मस्जिद पड़ाईन अमीनाबाद में मौलाना मीसम जैदी ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि हजरत इमाम हुसैन का किरदार ऐसा था कि हर यजीद की फौज को छोड़कर इमाम के लश्कर में शामिल हो गये। इमामबाड़ा असगर हुसैन-कमर हुसैन हसन पुरिया ...