अलीगढ़, जुलाई 3 -- अलीगढ़, कार्यालय संवाददाता। 6 जुलाई को मोहर्रम है। अकीदतमंद इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। घर-घर ताजिए बनाए जा रहे हैं। इस बार ताजियों की संख्या ढाई सौ से ज्यादा बताई गई है। लेकिन ताजिया लेकर जाने वालों के लिए कर्बला का रास्ता आसान नहीं है। उन्हें कई अवरोधों से होकर गुजरना होगा। मोहर्रम इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में परिजनों और साथियों के साथ कुर्बानी दी थी। तब से मुस्लिम समुदाय इस दिन को शहादत के रूप में मनाता आ रहा है। मोहर्रम को लेकर लोग पहले से तैयारियां करते हैं। घर-घर ताजिए बनाए जा रहे हैं। कर्बला में साफ सफाई का काम किया गया है। लेकिन यहां पर जलभराव की समस्या है। मोहर्रम पर यहां पर करीब दो लाख लोग पहुंचते हैं। सभी अपने-अपने ताजिए को दफ्न करते हैं।...