मऊ, जुलाई 8 -- पूराघाट। कोपागंज कस्बे के मोहल्ला फुलेलपुरा में डा.अली जफर के मकान पर मोहर्रम की ग्यारहवीं तारीख को लगभग 75 वर्षों से होने वाली प्राचीन व ऐतिहासिक मजलिस पूर्व की भांति अपने समय पर सोमवार को संपन्न हुई। 11 मोहर्रम को यह मजलिस उन कैदियों की याद में आयोजित होती है। मौलाना डॉ. फैज़ान जाफर ने कहा कि कर्बला एक ऐसा स्कूल है जहां इंसानियत पढ़ाई जाती है। कहा कि इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनके काफ़िले को लूटा गया, औरतों के सरों से चादर छीनी गई, छोटे-छोटे बच्चों को ऊंट की नंगी पीठ पर बांध दिया गया, बाक़ी सभी महिलाओं को एक रस्सी में बांधकर उसी मैदान से ले जाया गया, जहां शहीदों की लाश पड़ी हुई थी। इस मौके पर सेठ अम्बर हुसैन, असद रज़ा, अली रज़ा , हिफाज़त हुसैन, नकी आबिद , अम्मार नकी, अकमल कोपगंजी, मो.जाफर, शमशी, शाहिद हुसैन, मोहम्मद शाबान, ब...