करवार, दिसम्बर 18 -- कर्नाटक के करवार बीच पर बुधवार को उस समय कौतूहल और आशंका का माहौल बन गया, जब स्थानीय लोगों ने एक प्रवासी सीगल (समुद्री पक्षी) के शरीर पर अजीब-सा उपकरण लगा देखा। पहले तो लोगों को संदेह हुआ कि यह कोई निगरानी या जासूसी उपकरण हो सकता है, लेकिन बाद में वन विभाग और जांच एजेंसियों ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह वैज्ञानिक शोध से जुड़ा मामला है। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और GPS-टैग लगे उस सीगल को सुरक्षित रेस्क्यू किया। पक्षी थका हुआ दिखाई दे रहा था और उसे मामूली चोटें भी आई थीं। इसके बाद उसे जांच के लिए वन विभाग के कार्यालय लाया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पक्षी पर लगा उपकरण कोई कैमरा या जासूसी यंत्र नहीं, बल्कि GPS ट्रैकर था, जिसका इस्तेमाल प्रवासी पक्षियों के माइग्रेशन पैटर्न (प...