नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह जानना चाहा कि अगर बैंक किसी कर्जदार को 'धोखाधड़ी खाता' घोषित करने से पहले व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देता है तो इससे उसे किस तरह की समस्या होगी। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि जिस व्यक्ति का खाता 'धोखाधड़ी' घोषित किया जा रहा है, उसे कम-से-कम अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। यह टिप्पणी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। एसबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मार्च, 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इस रूप में नहीं पढ़ा जाना चाहिए कि खाते को धोखाधड़ी घोषित करने से पहले मौखिक सुनवाई करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के परिपत्र के ...