फतेहपुर, नवम्बर 18 -- फतेहपुर। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गांव से शहर को लेकर सरकार ने पानी की तरह पैसा खर्च किया। खुले में शौच से मुक्त करने के लिए रेवड़ी की तरह शौचालयों का निर्माण कराया गया। सभी 816 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बने लेकिन स्वच्छता की अलग धरातल पर नहीं पहुंच पाई। वजह 80 फीसदी सामुदायिक शौचालय तालों में कैद है, कई स्थानों में पानी की समस्या तो कुछ रास्ते के अभाव बेमकशद है। बड़ी संख्या में निजी शौचालय सिर्फ योजना का लाभ लेने तक सीमित साबित हुए। दोआबा में बड़े पैमाने पर निजी शौचालयों को मरम्मत का इंतजार कर रहे है। शासन की रेट्रो फिटिंग योजना के तहत इन शौचालयों को ग्राम निधि से शौचालय लाभार्थियों को पांच हजार रुपये की राशि से मरम्मत कराने का प्राविधान है। जिससे नए दरवाजे, सोकपिट बनवाने, शौचालय की दीवार या छत की मरम...
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