प्रयागराज, अक्टूबर 31 -- प्रयागराज। करेली स्थित दुर्गा पूजा पार्क में शुक्रवार को आंवला नवमी का पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने आंवले के वृक्ष के नीचे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि की कामना की। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी अपनी कठिन तपस्या में लीन थे। तपस्या के दौरान उनकी आंखों से ईश-प्रेम के आंसू टपक पड़े, जिनसे आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ। एक बार जब माता लक्ष्मी पृथ्वी की परिक्रमा करने आईं, तो उन्होंने भगवान शंकर और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ पूजा करने की इच्छा प्रकट की। चूंकि विष्णु जी को तुलसी और शंकर जी को बेल पत्र प्रिय हैं, इसलिए माता लक्ष्मी ने आँवले के वृक्ष की पूजा की, क्योंकि उसमें दोनों वृक्षों के गुण समाहित हैं। मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन...