नई दिल्ली, अगस्त 1 -- किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है, जो अपने इरादों पर कायम रहते हैं, रास्ते कितने भी कठिन क्यों न हो, जो चलते हैं वो मंजिल पाकर रहते हैं.ये कुछ लाइन करुण नायर पर एकदम फिट बैठती है। इंग्लैंड दौरे पर तीसरे टेस्ट के बाद हर किसी को लगा था कि अब करुण नायर को मौका नहीं मिलेगा और उनका करियर समाप्त हो गया है। 8 साल बाद टेस्ट में वापसी कर रहे नायर को पहले तीन टेस्ट में मौका मिला, मगर वह उस मौके को बुना नहीं पाए और मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। हालांकि चौथे टेस्ट में ऋषभ पंत चोटिल हुए और पांचवें व अंतिम टेस्ट में एक बार फिर करुण नायर को जगह मिली और यह उन्हें खुद को साबित करने का आखिरी मौका था। यह भी पढ़ें- गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ गिल बने नंबर-1 भारतीय कप्तान; अब वर्ल्ड रिकॉर्ड पर नजरें करुण नायर न...